जीत हुई उन नर पिशाचों की जो खुलेआम तो खून नहीं पीते पर अपने अंगों (गुप्त) के द्वारा बच्चियों का खून पीते हैं। कोई पूछेगा उनसे की होली में की गई इस शारीरिक क्रिया से उन्हें क्या सुख मिला?
कोई नहीं पूछेगा.......लड़की को ही छिनाल, बेहया, बेशर्म कहा जायेगा।
फूलों का एक गुच्छा उस बच्ची के नाम
(गूगल से साभार लिया है)
पीड़ादायक खबर
ReplyDeleteदुखद समाचार!!
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