2.3.09

नारी की परिभाषा क्या शरीर से है?

‘‘मेरा वजन भी कुछ बढ़ गया था, मैं देखने में भी बहुत अजीब सी लगने लगी थी, मेरे पति अब मुझमें रुचि नहीं दिखा रहे थे, तब मुझे लगा कि अब कुछ करना होगा। तब मैंने ली ...................... ’’ इस तरह के वाक्य अधिकांशतः आपको किसी न किसी चैनल पर किसी विशेष दवा या किसी विशेष यंत्र के विज्ञापन में देखने को मिल जायेंगे। अब इस पंक्ति के बाद ‘‘अब मेरे पति मुझे छोड़ कर जाते ही नहीं, मैं फिर पहले जैसी ही जवान हो गयी हूँ ................ ’’ इस तरह की कुछ पंक्तियाँ सुनने को मिलतीं हैं।
क्या आपको इस तरह के विज्ञापनों को देख-सुन कर कुछ खास तरह की बात याद आती है? शायद हाँ, शायद न। इस तरह के विज्ञापनों में नारी की छवि को एक शारीरिक सौन्दर्य वाली छवि से ग्रस्त दिखाया जाता है। जिसके शारीरिक सौन्दर्य को तो बढ़ाने के तरीके बताये जाते हैं पर इस तरह के विज्ञापनों में यह नहीं बताया जाता है कि किस प्रकार एक नारी अपने विश्वास में बढ़ोत्तरी करे।
नारी को लेकर रचे जाते विज्ञापनों में नारी की छवि को लेकर कई बार सवाल उठे हैं, कई बार इसको कहस का मुद्दा बनाया गया है किन्तु किसी प्रकार का हल दिखता नहीं है।
सवाल ये है कि क्या अपनी कमर को कम करके, अपने शारीरिक सौन्दर्य को कम करके ही नारी अपने आपको समाज में स्थापित कर सकती है?

4 comments:

  1. विचार्णिय सवाल खडा किया है आपने.

    रामराम.

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  2. अगर पुरुष को स्त्री के शारीरिक सौंदर्य से प्रेम है तो वह वास्तविक प्रेम नहीं है.
    दाम्पत्य सम्बन्ध में शरीर से परे भी बहुत कुछ होता है.

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