4.12.09

ज़िन्दगी तस्वीर दिखाती है

ज़िन्दगी तस्वीर दिखाती है,

हमसफ़र अपना बनाती है,

कौन जाने कब रुक जाए राह,

इस सोच से मंजिल के करीब लाती है।