अपना ब्लाग तो बहुत दिन पहले बना लिया था किन्तु क्या लिखें और कब लिखें ये समझ से बाहर था। अब लगा कि आज का दिन सबसे अच्छा है अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का, सबके सामने रखने का...... बस इसी आकांक्षा के साथ ओस की बूँद सज पड़ी है आपके सामने, देखना है कि क्या टिकेगी पल भर से अधिक.........
मैं अनुभूति की चाह,
अनन्त आकाश की राह
खोजती हूँ।
सोचती हूँ
कभी आयेगा वो पल
जबकि मिलेगा
सुकून दो पल।
आज सज जाती हूँ
बनके शबनम और
फिर बिखर जाती हूँ
आने पर उसका उजास।
चलेगा कब तलक यूँ
सजना और बिखरना?
पल भर को सजना
और फिर
पल भर में बिखरना,
एक ओस की बूँद की तरह।
पाना चाहते हैं ओस की बूँद सी पावनता और पास रखना चाहते हैं पल भर को.........!!!!
ReplyDeleteअभी शायद आपके पल्ले ऐसी सोच वाले इंसान ही पडे है।
भगवान आपका भला करे।
पल भर नहीं लंबा सफर तय करें ब्लॉग्गिंग में. स्वागत और 'Vallentine Day' की शुभकामनाएं.
ReplyDeleteसुंदर रचना
ReplyDeleteभावों की अभिव्यक्ति मन को सुकुन पहुंचाती है।
लिखते रहिए लिखने वालों की मंज़िल यही है ।
कविता,गज़ल और शेर के लिए मेरे ब्लोग पर स्वागत है ।
मेरे द्वारा संपादित पत्रिका देखें
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आर्ट के लिए देखें
www.chitrasansar.blogspot.com
accha hai
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।
ReplyDeleteKya he ye
ReplyDeleteबहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्लाग जगत में स्वागत है…
ReplyDeleteहिंदी लिखाड़ियों की दुनिया में आपका स्वागत। खूब लिखे। अच्छा लिखें हजारों शुभकामंनाए।
ReplyDeletehauslaa rakhiye ! zindagi bahut badi hai aur yahaan tarah tarah ke aadmi hain bure hain to achchhe bhi .
ReplyDeleteshabdon ka chayan bahut achchha hai
अच्छी पोस्ट लिखी है।बधाई।
ReplyDeleteब्लॉग जगत में आपके शुभ आगमन पर हार्दिक बधाई .
ओस की बूँद की खूबसूरती उसकी नश्वरता में ही है ... जो हर दिन एक नयी शीतलता , एक नई उमंग और नए रंग लेकर आती है !!!
ReplyDeletepal bhar mew pata nahi kya kya ho jata hai. narayan narayan
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