12.5.09

रात का इंतज़ार करवाते हो

कौन जाने तुम धीरे से आकर क्या कह जाते हो।
नींद आंखों से चुरा लिए जाते हो।
रात कटती है फ़िर जागते-जागते।
सुबह होने पर फ़िर रात का इंतज़ार करवाते हो॥

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