20.5.09
क्या सम्भावनाओं के सहारे ही जिन्दगी गुजार दी जायेगी?
14.5.09
नंगी फोटो से घबराते हो पर लार भी गिराते हो!!!
आते तो हैं वे हमारे ब्लाग पर मगर खुद को दर्शाते भी नहीं। कल से आज तक हमारे ब्लाग पर आने वालों की संख्या में कुल 22 का इजाफा हुआ किन्तु टिप्पणी करने के मामले में एक भी सामने न आया। क्या टिप्पणी ‘गिव एण्ड टेक’ का मामला है?
क्योंकि देखा है कि कोई अपना टेम्पलेट बदलने तक की सूचना देता है तो टिप्पणियों के ढेर लग जाते हैं। कोई ब्लाग पढ़ने की सूची देता है तो भी लोग लग जाते हैं टिप्पणी देने में। कोई तो अपने पूरे परिवार के नाम पर ब्लाग बनाये है, कोई दे या न दे वे खुद ही दर्जनों के भाव से टिप्पणी लगा देते हैं।
अरे यारों, अब तो कर दो एक दो टिप्पणीं यहाँ भी। वैसे टिप्पणियों का शौक नहीं क्योंकि अपने मीडिया के शौक में वैसे भी बहुत टिप्पणी खाने को मिलतीं हैं।
हाँ, यदि हमारी फोटो के डर से टिप्पणी न करते हो कि कहीं कोई देख न ले कि नंगी लड़की वाली फोटो वाले ब्लाग को पढ़, देख रहे हैं या उस पर टिप्पणी की दी है तो कोई बात नहीं।
सड़क पर ऐसी हालत वाली मिल जाये तो लार बना-बना कर निहारोगे?
चलो कोई बात नहीं, ऐसी बात है तो दो-चार दिन में ये वाली फोटो मैं हटा लूँगी। तब देखने भी न आओगे, इस ब्लाग को क्योंकि अभी कुछ तो दिखता है, है न?
इस पर दो पंक्तियाँ याद आतीं हैं-
‘अंदाज अपने देखते हैं आइने में वो,
और ये भी देखते हैं कि कोई देखता न हो।’
चलो छोड़ो....
12.5.09
रात का इंतज़ार करवाते हो
कौन जाने तुम धीरे से आकर क्या कह जाते हो।
नींद आंखों से चुरा लिए जाते हो।
रात कटती है फ़िर जागते-जागते।
सुबह होने पर फ़िर रात का इंतज़ार करवाते हो॥